Maiya Aisi Jiya Mein Samaye Gayi Re–Mata Bhajan Lyrics In Hindi.

मैया ऐसी जिया में समाए गईं रे:

मैया ऐसी जिया में समाए गई  रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी,
हर आहट लागे है मैया आ गईं,
हर आहट लागे है मैया आ गईं,
झट चंदन किवाड़िया खोल बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी।।
मेरे अंगना में जब पुरवइया चले,
ओ,मेरे अंगना में जब पुरवइया चले,
मेरे द्वारे की खुल गई किवाड़िया,
ओ, मेरे द्वारे की खुल गई किवाड़िया,
मैने जाना कि आए गईं मैया मोरी,
मैने जाना कि आए गईं मैया मोरी,
झट अंगना में चौकी बिछा बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी।।

मेरे अंगना में जब पुरवइया चले,
ओ, मेरे अंगना में जब पुरवइया चले,
मेरे द्वारे की खुल गई किवाड़िया,
ओ, मेरे द्वारे की खुल गई किवाड़िया,
मैने जाना कि आए गईं मैया मोरी,
मैने जाना कि आए गईं मैया मोरी,
झट फूलन का गजरा बना बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी।।

मेरे अंगना में जब पुरवइया चले,
ओ, मेरे अंगना में जब पुरवइया चले,
मेरे द्वारे की खुल गई किवाड़िया,
ओ, मेरे द्वारे की खुल गई किवाड़िया,
मैने जाना कि आए गईं मैया मोरी,
मैने जाना कि आए गईं मैया मोरी,
झट बीरा–बताशा मंगा बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी।।

मेरे अंगना में जब पुरवइया चले,
ओ, मेरे अंगना में जब पुरवइया चले,
मेरे द्वारे की खुल गई किवाड़िया,
ओ, मेरे द्वारे की खुल गई किवाड़िया,
मैया मेरा करेंगी भला ही भला,
मैया मेरा करेंगी भला ही भला,
उनके चरणों में ध्यान लगा बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी,
मैया ऐसी जिया में समाए गई रे,
कि मैं तन–मन की सुधबुध भुला बैठी।।
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