हाथों में बिन्दी का जोड़ा सुहाग मांगे बन्नी चली
हाथों में बिन्दी का जोड़ा,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
हाथों में बिन्दी का जोड़ा,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
पहला सुहाग दादी रानी ने दीन्हा,
पहला सुहाग दादी रानी ने दीन्हा,
बाबा ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
बाबा ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
हाथों में बिन्दी का जोड़ा,
सुहाग मांगे बन्नी चली।।
दूसरा सुहाग ताई रानी ने दीन्हा,
दूसरा सुहाग ताई रानी ने दीन्हा,
ताऊ ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
ताऊ ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
हाथों में बिन्दी का जोड़ा,
सुहाग मांगे बन्नी चली।।
तीसरा सुहाग नानी रानी ने दीन्हा,
तीसरा सुहाग नानी रानी ने दीन्हा,
नाना ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
नाना ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
हाथों में बिन्दी का जोड़ा,
सुहाग मांगे बन्नी चली।।
चौथा सुहाग चाची रानी ने दीन्हा,
चौथा सुहाग चाची रानी ने दीन्हा,
चाचा ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
चाचा ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
हाथों में बिन्दी का जोड़ा,
सुहाग मांगे बन्नी चली।।
पांचवा सुहाग भाभी रानी ने दीन्हा,
पांचवा सुहाग भाभी रानी ने दीन्हा,
भइया ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
भइया ने दीन्हा आशीष,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
हाथों में बिन्दी का जोड़ा,
सुहाग मांगे बन्नी चली,
हाथों में बिन्दी का जोड़ा,
सुहाग मांगे बन्नी चली।।
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