जगदम्बा के दीवानों को दरस चाहिए
जगदम्बा के दीवानों को दरस चाहिए,
दरस चाहिए,
हमे मां तेरी एक झलक चाहिए,
झलक चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरस चाहिए,
दरस चाहिए,
हमे मां तेरी एक झलक चाहिए,
झलक चाहिए।।
दया और ममता का मंदिर है तू,
हां मंदिर है तू,
तुझे क्या पता कितनी सुंदर है तू,
हां सुंदर है तू,
गुलाबों के मां जैसा मन है तेरा,
हां मन है तेरा,
हमें मां तेरे जैसा मन चाहिए,
हां मन चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरस चाहिए,
दरस चाहिए,
हमे मां तेरी एक झलक चाहिए,
झलक चाहिए।।
तेरा रूप सबसे सुहाना लगे,
सुहाना लगे,
बिना भक्ति के जी कहीं ना लगे,
कहीं ना लगे,
मां भक्ति में तेरे हम डूबे रहें,
हां डूबे रहें,
हमें मां तुझसे मां वर चाहिए,
हां वर चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरस चाहिए,
दरस चाहिए,
हमे मां तेरी एक झलक चाहिए,
झलक चाहिए।।
कई दैत्य तुमने पछाड़े हैं मां,
पछाड़े हैं मां,
तेरा शेर रण में दहाड़े हैं मां,
दहाड़े हैं मां,
तू काली नवदुर्गा, तू ज्वाला है मां,
हां ज्वाला है मां,
हमें मां तेरी ही शरण चाहिए,
शरण चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरस चाहिए,
दरस चाहिए,
हमे मां तेरी एक झलक चाहिए,
झलक चाहिए।।
तू पर्वत, तू नदिया, तू धरती है मां,
हां धरती है मां,
तू पाताल, अंबर, सितारों में मां,
सितारों में मां,
तेरी इन भुजाओं में सृष्टि है मां,
हां सृष्टि है मां,
हमें इन भुजाओं का बल चाहिए,
हां बल चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरस चाहिए,
दरस चाहिए,
हमे मां तेरी एक झलक चाहिए,
झलक चाहिए,
जगदम्बा के दीवानों को दरस चाहिए,
दरस चाहिए,
हमे मां तेरी एक झलक चाहिए,
झलक चाहिए।।
Follow our other website kathakahani
Tags
Mata Bhajan