
।।एक बेटी का अपने पापा को प्यारा सा तोहफा।।
पापा मेरी नन्ही दुनिया, तुमसे मिल कर पली-बढ़ी आज तेरी ये नन्ही बढ़कर, तुझसे इतनी दूर खड़ी तुमने ही तो सिखलाया था, ये संसार तो छोटा है तेरे पंखों में दम है तो, नील गगन भी छोटा है कोई न हो जब साथ में तेरे, तू बिलकुल एकाकी है मत घबराना बिटिया, तेरे साथ में पप्पा बाकी हैं पीछे हटना, डरना-झुकना, तेरे लिए है नहीं बना आगे बढ़ कर सूरज छूना, तेरी आंख का है सपना तुझको तो सूरज से आगे, एक रस्ते पर जाना है मोल है क्या तेरे वजूद का दुनिया को बतलाना है आज तो पापा मंजिल भी है, दम भी है परवाजों में एक आवाज नहीं है लेकिन, इतनी सब आवाजों में सांझ की मेरी सैर में हम-तुम, साथ में मिल कर गाते थे कच्चे-पक्के अमरूदों को, संग-संग मिल कर खाते थे उन कदमों के निशान पापा, अब भी बिखरे यहीं-कहीं कार भी है, एसी भी है, पर अब सैरों में मज़ा नहीं कोई नहीं जो आंसू पोछें, बोले पगली सब कर लेंगे पापा बेटी मिलकर तो हम, सारे रस्ते सर कर लेंगे इतनी सारी उलझन है और पप्पा तुम भी पास नहीं ये बिटिया तो टूट चुकी है, अब तो कोई आस नहीं पर पप्पा ! तुम घबराना मत, मैं फिर भी जीत के आउंगी मेरे पास जो आपकी सीख है, मैं उससे ही तर जाऊंगी फिर से अपने आंगन में हम साथ में मिल कर गाएंगे देखना अपने मौज भरे दिन फिर से लौट के आएंगे
काश कि पापा आप हमारे बीच होते😔
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