Kanha Chodo Makhan Churana/कान्हा छोड़ो माखन चुराना।



कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
ओ कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
ओ कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना।।

ना दूध की कमी है ना दही की कमी है,
ना दूध की कमी है ना दही की कमी है,
तो माखन चुराने की तुम्हे क्या पड़ी है,
तो माखन चुराने की तुम्हे क्या पड़ी है,
समझाया वो फिर भी ना माना,
ओ समझाया वो फिर भी ना माना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
ओ कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना।।

ना ग्वालों की कमी है ना गोपी की कमी है,
ना ग्वालों की कमी है ना गोपी की कमी है,
तो राधा संग जाने की तुम्हे क्या पड़ी है,
तो राधा संग जाने की तुम्हे क्या पड़ी है,
समझाया वो फिर भी ना माना,
ओ समझाया वो फिर भी ना माना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
ओ कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना।।

ना खेल की कमी ना खिलौनों की कमी है,
ना खेल की कमी ना खिलौनों की कमी है,
तो यमुना पे जाने की तुम्हे क्या पड़ी है,
तो यमुना पे जाने की तुम्हे क्या पड़ी है,
समझाया वो फिर भी ना माना,
ओ समझाया वो फिर भी ना माना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
ओ कान्हा छोड़ो माखन चुराना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना,
मेरे लाल किसी के घर ना जाना।।

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