कीर्तन करते करते सारी रात हो गई :
कीर्तन करते–करते सारी रात हो गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई,
कीर्तन करते–करते सारी रात हो गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई,
शेरावाली मैया का ये सच्चा दरबार है,
जो कोई ध्यावे सच्चे मन से बेड़ा पार है,
शेरावाली मैया का ये सच्चा दरबार है,
जो कोई ध्यावे सच्चे मन से बेड़ा पार है,
ऐसी तो दयालु म्हारे मन बस गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई,
ऐसी तो दयालु म्हारे मन बस गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई,
कीर्तन करते–करते सारी रात हो गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई।।
हीरा, पन्ना, मोतियों से सजा दरबार है,
भांति–भांति के फूलों से महका सिंगार है,
हीरा, पन्ना, मोतियों से सजा दरबार है,
भांति–भांति के फूलों से महका सिंगार है,
थारी भोली सी सूरत म्हारे मन बस गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई,
थारी भोली सी सूरत म्हारे मन बस गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई,
कीर्तन करते–करते सारी रात हो गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई।।
माथे बीच बोरलो, थारे सिर पर चुन्दर भारी है,
नाक में नथ, कानों में कुण्डल भारी है,
माथे बीच बोरलो, थारे सिर पर चुन्दर भारी है,
नाक में नथ, कानों में कुण्डल भारी है,
हाथों में मैया जी थारे मेंहदी रच रही,
हाथों में मैया जी थारे मेंहदी रच रही,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई,
कीर्तन करते–करते सारी रात हो गई,
दर्शन दो जगदम्बा अब प्रभात हो गई।।
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Mata Bhajan