पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला
पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला।।
कीमती मणि की सबसे माला दी हमने,
कीमती मणि की सबसे माला दी हमने,
उसे तोड़ डाली दांतों से तुमने,
माला क्या तोड़ी मेरा हृदय तोड़ डाला,
मणियों की माला,
पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला।।
बोले विभीषण आखिर जात का है बंदर,
बोले विभीषण आखिर जात का है बंदर,
रतन परखने की है क्या अक्ल इसके अंदर,
फल–फूल जंगलों का है ये खाने वाला,
मणियों की माला,
पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला।।
हाथ जोड़ बोले बजरंग क्षमा करो माता,
हाथ जोड़ बोले बजरंग क्षमा करो माता,
इसमें तो राम नाम नजर नहीं आता,
मैं तो बस राम नाम का हूं मतवाला,
मणियों की माला,
पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला।।
सभा बीच लम्बी काहे बात है बखाना,
सभा बीच लम्बी काहे बात है बखाना,
कैसे मैं जानूं तू है राम का दीवाना,
राम नाम तो है सारे विश्व का उजाला,
मणियों की माला,
पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला।।
तब तो बजरंगी प्रभु का ध्यान लगाया,
तब तो बजरंगी प्रभु का ध्यान लगाया,
चीर दिया सीना सियाराम को दिखाया,
रोम रोम व्यापक है दीन दयाला,
मणियों की माला,
पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला।।
सभा बीच सबने कपि को शीश नवाया,
सभा बीच सबने कपि को शीश नवाया,
अटल तेरी होगी भक्ति वरदान पाया,
भक्तों का कष्ट हरो पुनरासर वाला,
मणियों की माला,
पूछा सिया ने बोलो अंजनी के लाला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला,
क्यों तोड़ डाली मणियों की माला।।
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