मैया का दरबार सुहाना लगता है
मैया का दरबार,
सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल,
दीवाना लगता है,
मैया का दरबार,
सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल,
दीवाना लगता है।।
मैं तेरे दरबार में,
कब से खड़ी मैया,
आज तू वरदान दे,
वो प्यार से मैया,
मैं तेरे दरबार में,
कब से खड़ी मैया,
आज तू वरदान दे,
वो प्यार से मैया,
मुश्किल–मुश्किल,
मैया को मनाना पड़ता है,
भक्तों का तो दिल,
दीवाना लगता है,
मैया का दरबार,
सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल,
दीवाना लगता है।।
पांच सौ सीढ़ी के ऊपर,
द्वार तेरा मैया,
मैं चली आई हूं तेरे,
द्वार ओ मैया,
पांच सौ सीढ़ी के ऊपर,
द्वार तेरा मैया,
मैं चली आई हूं तेरे,
द्वार ओ मैया,
ज्ञान का भंडार दे,
अज्ञान को हर ले,
खाली पड़ी झोली को तू,
प्यार से भर दे,
मुश्किल–मुश्किल,
मैया को मनाना पड़ता है,
भक्तों का तो दिल,
दीवाना लगता है,
मैया का दरबार,
सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल,
दीवाना लगता है।।
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Mata Bhajan