हे स्वर की देवी सरस्वती
हे स्वर की देवी सरस्वती,
माँ शत्–शत् है प्रणाम मेरा,
हे स्वर की देवी सरस्वती,
माँ शत्–शत् है प्रणाम मेरा,
शब्दों में सजा कर भेज रहा,
माँ सुन लेना पैगाम मेरा,
शब्दों में सजा कर भेज रहा,
माँ सुन लेना पैगाम मेरा,
हे स्वर की देवी सरस्वती,
माँ शत्–शत् है प्रणाम मेरा।।
मेरे अंधियारे जीवन में,
तूने ज्ञान का दीप जलाया है,
मेरे अंधियारे जीवन में,
तूने ज्ञान का दीप जलाया है,
शब्दों की पावन गंगा में,
मेरा हाथ पकड़ नहलाया है,
शब्दों की पावन गंगा में,
मेरा हाथ पकड़ नहलाया है,
गर तेरा सहारा ना मिलता,
माँ क्या होता अंजाम मेरा,
गर तेरा सहारा ना मिलता,
माँ क्या होता अंजाम मेरा,
शब्दों में सजा कर भेज रहा,
माँ सुन लेना पैगाम मेरा,
हे स्वर की देवी सरस्वती,
माँ शत्–शत् है प्रणाम मेरा।।
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जिस दिन से शरण में आया हूं,
भावों की सरिता बहती है,
जिस दिन से शरण में आया हूं,
भावों की सरिता बहती है,
शब्दों में लिपट कर मन वीणा,
छंदों में कविता कहती है,
शब्दों में लिपट कर मन वीणा,
छंदों में कविता कहती है,
मैं सोच रहा किन शब्दों में,
माँ कैसे करूं गुणगान तेरा,
मैं सोच रहा किन शब्दों में,
माँ कैसे करूं गुणगान तेरा,
शब्दों में सजा कर भेज रहा,
माँ सुन लेना पैगाम मेरा,
हे स्वर की देवी सरस्वती,
माँ शत्–शत् है प्रणाम मेरा।।
हृदय में वास तुम्हारा है,
मेरी जिव्हा पर भी वास करो,
हृदय में वास तुम्हारा है,
मेरी जिव्हा पर भी वास करो,
नित नई रचना रच पाऊं मैं,
मेरे मन में ये विश्वास भरो,
नित नई रचना रच पाऊं मैं,
मेरे मन में ये विश्वास भरो,
मेरी कलम पे आन विराजो तुम,
माँ जपूं मैं जब–जब नाम तेरा,
मेरी कलम पे आन विराजो तुम,
माँ जपूं मैं जब–जब नाम तेरा,
शब्दों में सजा कर भेज रहा,
माँ सुन लेना पैगाम मेरा,
हे स्वर की देवी सरस्वती,
माँ शत्–शत् है प्रणाम मेरा।।
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Mata Bhajan