Mangal Bhaum Pradosh Vrat Katha.

मंगल भौम प्रदोष व्रत कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक नगर में एक बुढ़िया रहती थी, उसके मंगलिया नाम का एक पुत्र था । वृद्धा की हनुमान जी पर बहुत ही आस्था थी । वह प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी का नियमपूर्वक व्रत रखकर आराधना करती थी । उस दिन ना ही वह घर लीपती थी और न ही मिट्टी खोदती थी । बुढ़िया को व्रत करते हुए बहुत दिन बीत चुके थे। एक बार हनुमान जी ने उसकी श्रद्धा की परीक्षा लेने की सोची। हनुमान जी साधु का वेश धारण कर वहां गए और पुकारने लगे– कोई हनुमान भक्त है जो हमारी इच्छा पूर्ण करे! साधु की आवाज सुनकर बुढ़िया बाहर आई और बोली- ‘आज्ञा दें महाराज? साधु रूप धारण किए हनुमान जी बोले- ‘मैं भूखा हूं, भोजन करूंगा। तू थोड़ी जमीन लीप दे! बुढ़िया दुविधा में पड़ गई, और हाथ जोड़ कर बोली– “महाराज! लीपने और मिट्टी खोदने के अलावा आप कोई दूसरी आज्ञा दें, मैं अवश्य पूरी करूंगी।” साधु ने तीन बार प्रतिज्ञा कराने के बाद कहा–तू अपने बेटे को बुला, मै उसकी पीठ पर आग जलाकर भोजन बनाउंगा। बुढ़िया के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई, परंतु उसने प्रतिज्ञा ली थी, अतः उसने मंगलिया को बुला कर साधु के सुपुर्द कर दिया।

लेकिन साधु रूपी हनुमान जी ऐसे ही मानने वाले नहीं थे। उन्होंने बुढ़िया से कहा कि अपने हाथों से मंगलिया को पेट के बल लिटा दे, और उसकी पीठ पर आग जला दे। बुढ़िया क्या करती आग जलाकर दुखी मन से अपने घर के अन्दर चली गई।इधर भोजन बनाकर साधु ने बुढ़िया को बुलाकर कहा–मंगलिया को पुकारो, ताकि वह भी आकर भोग लगा ले। इस पर बुढ़िया अपने आंसुओं को पोंछते हुए बोली– महाराज आपने ही तो उसकी पीठ पर आग जलवाई थी, अब उसका नाम लेकर मुझे और कष्ट न पहुंचाओ। लेकिन जब साधु महाराज नहीं माने तो बुढ़िया ने मंगलिया को आवाज लगाई। पुकारने की देर थी कि मंगलिया दौड़ता हुआ आ गया। मंगलिया को अपने सामने जीवित देख कर बुढ़िया की खुशी का ठिकाना ना रहा। वह साधु के चरणों में गिर पड़ी। साधु अपने असली रूप में प्रकट हो गए। हनुमान जी को अपने सामने देख बुढ़िया का जीवन सफल हो गया । सूत जी ने कहा–मंगल प्रदोष व्रत से शंकर (हनुमान भी रुद्र हैं) और पार्वती जी इसी तरह भक्तों को दर्शन दे कृतार्थ करते हैं। प्रदोष व्रत के उपवास में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करना चाहिए, क्योंकि हरा मूंग पृथ्‍वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है। प्रदोष व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाना चाहिए।

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