मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे मांग का टीका लाई,
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे माथे की बिंदिया लाई,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया कैसे लगाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे।।
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे कान के कुण्डल लाई,
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरी नाक की नथनी लाई,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे।।
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे गले का हरवा लाई,
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे गले की माला लाई,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे।।
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे हाथों का कंगना लाई,
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे हाथों की मेंहदी लाई,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया कैसे लगाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे।।
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे कमर की तगड़ी लाई,
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे कमर का गुच्छा लाई,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे।।
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे अंगों का चोला लाई,
मैं तो बड़ी दूर से आई,
तेरे सिर की चुनरिया लाई,
मैया कैसे पहनाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया कैसे ओढ़ाऊं तोहे,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे,
मैया तेरे भवन मैं कैसे आऊं,
तेरे शेर खड़े पहरे पे।।
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