
पनघट से दौडी चली आऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो-2
मधुबन में रास रचाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो-2
पनघट से दौडी चली आऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
श्याम सुन्दर से लागे नैना,
तुम बिन हमको चैन पड़े ना-2
तुम संग प्रीति निभाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो-2
पनघट से दौडी चली आऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
मधुबन में रास रचाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
नंदलला की सांवरी सूरत,
चंचल चितवन मोहिनी मूरत-2
माखन मिश्री खिलाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो-2
पनघट से दौडी चली आऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
मधुबन में रास रचाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
तुमने मुरली मधुर बजाई,
तन मन की मैने सुध बिसराई-2
समझे ना पीर पराई जी,
कान्हा मुरली बजा दो-2
पनघट से दौडी चली आऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
मधुबन में रास रचाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
श्याम पिया का मिले जो दर्शन,
पदम ने जीवन कर दिया अर्पण-2
मन मन्दिर में बसाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो-2
पनघट से दौडी चली आऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
मधुबन में रास रचाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
पनघट से दौडी चली आऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
मधुबन में रास रचाऊँगी,
कान्हा मुरली बजा दो।
Tags
Krishna Bhajan