Kanha mere hathon se nikal gayo re–Krishna Bhajan Lyrics

कान्हा मेरे हाथों से निकल गयो रे -२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे -२

कान्हा मेरे हाथों से निकल गयो रे -२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे -२

सूरज में ढूंढा मैने चँदा में ढूंढा-२

तारों की झिलमिल में छुप गयो रे -२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे-२

कान्हा मेरे हाथों से निकल गयो रे-२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे-२

फूलों में ढूंढा मैंने कलियों में ढूंढा-२

फूलों की खुशबू में छुप गयो रे -२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे-२

कान्हा मेरे हाथों से निकल गयो रे-२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे-२

नन्दजी से पूछा बलराम जी से पूछा-२

मैया के ऑंचल में छुप गयो रे-२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे-२

कान्हा मेरे हाथों से निकल गयो रे-२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे-२

संतों मे ढूंढा मैंने सत्संग में ढूंढा-२

भक्तों के हृदय में बस गयो रे-२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे-२

कान्हा मेरे हाथों से निकल गयो रे-२

मैं पकड़न लागी फिसल गयो रे-३

https://youtu.be/tvjizeuJ4osकान्हा मेरे हाथों से निकल गयो रे

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