तर्ज/सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया।
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आपको अपना बनाया अपनों से मुंह मोड़ के,
आपको अपना बनाया अपनों से मुंह मोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के।।
अब तलक मां बाप की उंगली पकड़ चलती रही,
अब तलक मां बाप की उंगली पकड़ चलती रही,
अब चरण सासू के पकड़े मां का आंचल छोड़ के,
अब चरण सासू के पकड़े मां का आंचल छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आपको अपना बनाया अपनों से मुंह मोड़ के,
आपको अपना बनाया अपनों से मुंह मोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के।।
अब तलक भईया से झगड़ा और जिद्द करती रही,
अब तलक भईया से झगड़ा और जिद्द करती रही,
सर झुकाये आज बैठी सारी जिद्द को छोड़ के,
सर झुकाये आज बैठी सारी जिद्द को छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आपको अपना बनाया अपनों से मुंह मोड़ के,
आपको अपना बनाया अपनों से मुंह मोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के।।
अब तलक बहना ने मेरे नाज और नखरे सहे,
अब तलक बहना ने मेरे नाज और नखरे सहे,
आज नखरे मैं उठाऊं अपने नखरे छोड़ के,
आज नखरे मैं उठाऊं अपने नखरे छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आपको अपना बनाया अपनों से मुंह मोड़ के,
आपको अपना बनाया अपनों से मुंह मोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के,
आ गई ससुराल अपने बाबुल का घर छोड़ के।।
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Nai Bahu Ka Geet